ePrivacy and GPDR Cookie Consent by Cookie Consent

What to read after Bachuli Chaukidarin Ki Kadhi?

Hello there! I go by the name Robo Ratel, your very own AI librarian, and I'm excited to assist you in discovering your next fantastic read after "Bachuli Chaukidarin Ki Kadhi" by Mrinal Pandey! 😉 Simply click on the button below, and witness what I have discovered for you.

Exciting news! I've found some fantastic books for you! 📚✨ Check below to see your tailored recommendations. Happy reading! 📖😊

Bachuli Chaukidarin Ki Kadhi

Mrinal Pandey

Literary Criticism / Short Stories

कुछ ही दिन पहले मेरी दो कहानियाँ पढ़कर दो पाठकों के क्रोध-भरे पत्र आए । एक ने लिखा था कि 'अपने लेखों और अन्य कार्यक्रमों में मैं स्त्री-मुक्ति और आत्मनिर्भरता की बात करती हूँ जबकि इस कहानी की नायिका की घुटनभरी-दब्‍बू जिंदगी हमें कोई ऐसा 'संदेश' नहीं देती ।' दूसरे पाठक ने भी घुमा-फिराकर यही पूछा था कि 'ठीक है, पात्रों की निजी दुनिया के दबावों और उनके सुख-दुख से कहानी हमारा साक्षात्कार तो कराती है, पर यह अन्त में आकर हमें 'सिखाती' क्या है ?' मुझे लगता है कि एक बोझिल हितोपदेशी पाठ्‌यक्रम की किताबों से 'साहित्य' पढ़कर निकले ऐसे पाठक रचनात्मक साहित्य की आत्मा से अपरिचित ही रह आए हैं । मुझे खेद है, मेरी कहानियाँ इनकी थोथी उपदेश-तृष्णा नहीं बुझा सकतीं । हर कहानी या उपन्यास घटनाओं-पात्रों के जरिए सत्य से एक आशिक और कुतूहलभरा साक्षात्कार होता है । साहित्य हमें जीवन जीना सिखाने की बजाय टुकड़ा-टुकड़ा 'दिखाता' है, वे तमाम नर्क-स्वर्ग, वे राग-विराग, वे सारे उदारता और संकीर्णता-भरे मोड़, जिनका सम्मिलित नाम मानव-जीवन है । जो साहित्य उघाड्‌ता है, वह अन्तिम सत्य या सार्वभौम आदर्श नहीं, बहुस्तरीय यथार्थ होता है । ही, यदि जीवन में आदर्श या सत्य अनुपस्थित या अवहेलित हैं, तो उस विडंबना को भी वह जताता जाता है मेरी तहत साहित्य को रचना, परोक्ष रूप से सत्य से आशिक साक्षात्कारों की ऐसी ही एक शृंखला पाठकों के लिए तैयार करना होता है, जिसके सहारे एक सहृदय व्यक्ति अपनी चेतना, अपनी संवेदना और अभिव्यक्ति-क्षमता का सहज ही कुछ और विस्तार होता पाए । चिंतनपरक लेख और रचनात्मक लेखन के बीच का फासला तर्कसंगत ज्ञान और संवेदनात्मक समझ के बीच का फासला हैं -मृणाल पांडे
Do you want to read this book? 😳
Buy it now!

Are you curious to discover the likelihood of your enjoyment of "Bachuli Chaukidarin Ki Kadhi" by Mrinal Pandey? Allow me to assist you! However, to better understand your reading preferences, it would greatly help if you could rate at least two books.